मुश्किल उर्दू-फारसी शब्द जैसे 'फर्द हवालगी' अब एफआईआर में नहीं लिखे जाएंगे, हुआ ये बड़ा बदलाव

एफआईआर में बड़ा बदलाव अब से आप दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में बड़ा बदलाव देखेंगे। अब बोलचाल की भाषा के शब्द एफआईआर में दिखेंगे। उर्दू-फारसी के कठिन शब्दों के लिए कोई जगह नहीं होगी।


दिल्ली पुलिस सर्कुलर:

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सर्कुलर जारी कर चार्जशीट और एफआईआर में कठिन उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करने से बचने को कहा है. जारी सर्कुलर में ऐसे शब्दों की सूची भी दी गई है जो आम बोलचाल की भाषा में आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होते और लोग उनका मतलब आसानी से नहीं समझ पाते.इन कठिन शब्दों की जगह हिंदी और अंग्रेजी में सरल शब्दों में क्या लिखा जा सकता है, इसका भी सर्कुलर में जिक्र किया गया है. यह देखा गया है कि आमतौर पर एफआईआर लिखते समय, चार्जशीट दाखिल करते समय और यहां तक ​​कि डीडी प्रविष्टि करते समय भी उर्दू-फारसी शब्दों का उपयोग किया जाता है जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में उपयोग नहीं किया जाता है।

मुश्किल उर्दू शब्दों को समझने का झंझट खत्म!


इस मामले में 2018 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 7 अगस्त 2019 को आदेश पारित कर कहा था कि शिकायतकर्ता के शब्दों में एफआईआर दर्ज की जाए. इसमें बहुत अधिक जटिल भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

हाईकोर्ट ने की थी ये टिप्पणी


कोर्ट की तरफ से यह भी कहा गया कि पुलिस आम लोगों के लिए काम करती है न कि उन लोगों के लिए जिन्होंने उर्दू, फारसी, अंग्रेजी और हिंदी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. इस आदेश को जारी करने के साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि इन आदेशों का पालन किया जाए और यदि कोई इनका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.

आम लोगों के लिए आसान की जाएगी भाषा


पुलिस की तरफ से ऐसे शब्दों की लिस्ट भी जारी की गई है, जो अब तक आमतौर पर उर्दू और फारसी के शब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं। इन कठिन शब्दों के साथ उनके स्थान पर सरल शब्दों की सूची भी दी गई है ताकि अधिकारी उन शब्दों का प्रयोग एफ.

एफआईआर में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा

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